बिजली अधिकतर पेड़ पर ही क्यों गिरती है? जानिए विज्ञान के नजरिए से

by Real Voice News

बारिश के मौसम में जब आसमान में काले बादल छा जाते हैं और बिजली चमकने लगती है, तो अक्सर हम सुनते हैं कि बिजली किसी पेड़ पर गिर गई। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बिजली ज़्यादातर पेड़ों पर ही क्यों गिरती है?

असल में इसका कारण विज्ञान में छिपा है। जब बादलों और धरती के बीच विद्युत आवेश (electrical charge) का असंतुलन होता है, तो यह असंतुलन संतुलित करने के लिए बिजली के रूप में धरती की ओर दौड़ता है। बिजली हमेशा सबसे कम प्रतिरोध वाले और सबसे ऊंचे बिंदु की ओर आकर्षित होती है। पेड़ ज़मीन से ऊँचे होते हैं, इसलिए वे बिजली की सीधी चपेट में आ जाते हैं।

पेड़ के ऊंचे होने के साथ-साथ उनमें मौजूद पानी भी बिजली का अच्छा संवाहक (conductor) होता है। जब बिजली पेड़ पर गिरती है, तो वह पेड़ के अंदर मौजूद पानी को एक झटके में गर्म कर देती है, जिससे पेड़ में विस्फोट जैसी स्थिति भी बन सकती है।

बिजली की चमक पहले और आवाज बाद में क्यों आती है?

जब बिजली गिरती है, तो वह रोशनी और आवाज दोनों पैदा करती है, लेकिन रोशनी हमें पहले क्यों दिखती है और आवाज बाद में सुनाई देती है, इसका कारण यह है कि प्रकाश की गति (3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड) ध्वनि की गति (343 मीटर प्रति सेकंड) से कहीं ज्यादा तेज होती है।

जब आसमान में बिजली चमकती है, तो उसकी रोशनी हमें लगभग तुरंत दिख जाती है, जबकि उसकी गड़गड़ाहट हम तक कुछ सेकंड बाद पहुंचती है। इसी वजह से हम पहले चमकते हुए बिजली की “फ्लैश” देखते हैं और फिर थोड़ी देर बाद उसकी आवाज सुनते हैं।

बिजली का ज़्यादातर पेड़ों पर गिरना और पहले चमक फिर आवाज़ का आना ये दोनों प्राकृतिक घटनाएं विज्ञान के सरल सिद्धांतों पर आधारित हैं। बारिश के मौसम में इन बातों को समझना न केवल ज्ञानवर्धक है, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। कभी भी बारिश और बिजली के समय पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें, क्योंकि वह बिजली की सीधी चपेट में आ सकते हैं।

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