बाल सफेद होने व झड़ने के पीछे छिपे कारण, जो लोग नहीं जानते

बालों का समय से पहले सफेद होना और झड़ना बेहद आम समस्या बन चुकी है

by Real Voice News

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बालों का समय से पहले सफेद होना और झड़ना बेहद आम समस्या बन चुकी है। हम अक्सर इसे उम्र, मौसम या केमिकल वाले उत्पादों का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन असल में इसके पीछे कई ऐसे कारण छिपे होते हैं जिन पर लोग ध्यान ही नहीं देते। बालों की जड़ें बेहद संवेदनशील होती हैं और छोटी सी असंतुलन भी बड़े बदलाव ला सकती है। आइए जानते हैं वे छिपे कारण जो समय रहते समझ लिए जाएं तो बालों को खराब होने से बचाया जा सकता है।

पोषण की कमी – बालों का सबसे बड़ा दुश्मन
बहुत से लोग जानते हैं कि डाइट बालों पर असर डालती है, पर यह नहीं जानते कि कौन-सी कमी क्या नुकसान करती है।

– विटामिन B12 की कमी: समय से पहले बाल सफेद होने का प्रमुख कारण।
– आयरन की कमी: बाल झड़ना, महीन होना और स्कैल्प का कमजोर पड़ना।
– ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी: बालों में रूखापन, टूटना और थकान भरी जड़ें।
– प्रोटीन की कमी: क्योंकि बाल 90% प्रोटीन (केराटिन) से बने होते हैं।

लगातार तनाव – अदृश्य लेकिन प्रभावी कारण

– तनाव न केवल दिमाग पर असर डालता है, बल्कि बालों के उम्र बढ़ने की गति को दोगुना कर देता है।
– तनाव से मेलानिन का उत्पादन कम होता है, जिससे बाल जल्दी सफेद होने लगते हैं।
– अत्यधिक तनाव स्कैल्प की ब्लड सर्कुलेशन कम करता है, जिससे बाल गिरने लगते हैं।

हार्मोनल असंतुलन – शरीर की भीतर की उलझन

– थायरॉयड, पीसीओडी, गर्भावस्था या मेनोपॉज जैसी स्थितियां बालों पर गहरा असर डालती हैं।
– थायरॉयड गड़बड़ी से बाल पतले, कमजोर और तेजी से झड़ने लगते हैं।
– पीसीओडी: एंड्रोजन हार्मोन बढ़ने से बाल पतले हो जाते हैं।
– मेनोपॉज: एस्ट्रोजन कम होने से बालों में वॉल्यूम कम होता है।

हेयर प्रोडक्ट्स का ओवरयूज़ – अनजानी केमिकल डैमेज

– रोजाना जेल, सीरम, ड्राई शैम्पू, हेयर स्प्रे और स्ट्रेटनिंग/कलरिंग का उपयोग बालों की जड़ों को नुकसान पहुंचाता है।
– अमोनिया, सल्फेट और प्रिजर्वेटिव्स वाले उत्पाद बालों के प्राकृतिक तेल को नष्ट कर देते हैं।
– लगातार केमिकल ट्रीटमेंट मेलानिन को कमजोर करते हैं, जिससे सफेदी बढ़ती है।

स्कैल्प हेल्थ की अनदेखी

– बहुत से लोग बाल पर ध्यान देते हैं, पर स्कैल्प की देखभाल भूल जाते हैं।
– डैंड्रफ, स्कैल्प इंफेक्शन, ऑयल-बिल्डअप और गंदगी बालों की जड़ें बंद कर देती हैं।
– इससे न सिर्फ बाल झड़ते हैं बल्कि सफेदी भी तेजी से बढ़ती है।

कठोर पानी का छिपा असर

– कठोर पानी में मौजूद कैल्शियम, फ्लोराइड और क्लोरीन बालों को नुकसान पहुंचाते हैं।
– बाल रूखे, कमजोर और टूटने लगते हैं।
– स्कैल्प में सूखापन और इरिटेशन बढ़ती है, जिससे बाल धीरे-धीरे झड़ने लगते हैं।

मोबाइल-लैपटॉप की गर्मी और रेडिएशन

– बहुत से लोग लैपटॉप पर झुककर, सिर पर मोबाइल टिकाकर घंटों समय बिताते हैं।
– इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की गर्मी स्कैल्प में हीट बढ़ाती है।
– लंबे समय तक संपर्क रहने से बालों की जड़ें कमजोर होती हैं।

गलत दिनचर्या

– कम नींद से
– शरीर का रिपेयर सिस्टम धीमा पड़ता है
– मेलाटोनिन रिलीज़ कम होता है
– इससे स्कैल्प का ब्लड फ्लो घटता है और बाल समय से पहले सफेद या झड़ने लगते हैं।

दवाइयों का साइड इफेक्ट

कुछ दवाइयां बालों पर गहरा असर डालती हैं: जैसे एंटीडिप्रेसेंट, हार्मोनल दवाइयां, ब्लड प्रेशर दवाइयां, स्टेरॉइड ये बालों की ग्रोथ साइकल को बदल सकती हैं।

जेनेटिक फैक्टर – परिवार से मिली ‘कुंजी’

यदि परिवार में जल्दी बाल सफेद होने की प्रवृत्ति है, तो आपके साथ भी ऐसा जल्दी हो सकता है, लेकिन सही लाइफस्टाइल इसे काफी हद तक धीमा कर सकती है।

कैसे रोकें समय से पहले सफेद होना और बाल झड़ना?

– संतुलित आहार: B12, आयरन, प्रोटीन, ओमेगा-3
– सही स्कैल्प केयर: नियमित तेल मालिश, सौम्य शैम्पू
– तनाव कम करने के तरीके: मेडिटेशन, योग
– कठोर पानी के लिए फिल्टर का उपयोग
– इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का सीमित उपयोग
– पर्याप्त नींद और पानी
– केमिकल ट्रीटमेंट से बचाव
– यदि समस्या गंभीर है तो त्वचा विशेषज्ञ से सलाह

बाल सफेद होना या झड़ना केवल बाहरी समस्या नहीं है, बल्कि शरीर की अंदरूनी स्थिति का संकेत है। अक्सर हम इसके पीछे छिपे असली कारणों पर ध्यान नहीं देते जैसे पोषण की कमी, हार्मोनल बदलाव, तनाव, पानी की गुणवत्ता या लाइफस्टाइल की गलतियां। यदि इन छिपे कारणों को समय रहते समझ लिया जाए, तो बालों का स्वास्थ्य वापस पाया जा सकता है और समय से पहले सफेदी या झड़ने की समस्या को काफी हद तक रोका जा सकता है।

नोट- यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। बालों से जुड़ी समस्या व्यक्ति-विशेष के स्वास्थ्य, जीवनशैली और चिकित्सा स्थिति पर निर्भर हो सकती है। किसी भी उपचार, दवा या चिकित्सा सलाह के लिए हमेशा योग्य डॉक्टर या त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लें।

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