आज के सोशल मीडिया युग में आपने भी अक्सर सुना या देखा होगा, कि कई लड़कियों को ‘छपरी’ लड़के यानी ओवर एक्टिंग करने वाले, दिखावेबाज और स्टाइल मारने वाले लड़के अजीब तरह से आकर्षित करते हैं। चाहे वो बाइक पर स्टंट करने वाला हो या इंस्टाग्राम पर हर वक़्त बाल ठीक करते हुए रील बनाने वाला, ऐसे लड़कों की फैन फॉलोइंग में लड़कियों की तादाद कम नहीं होती। सवाल उठता है – आखिर क्यों? इस पर मनोविज्ञान की गहराई से नजर डालना जरूरी है।
- आत्मविश्वास का मुखौटा, लेकिन आकर्षक!
‘छपरी’ लड़कों का सबसे पहला हथियार होता है उनका नकली या जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास। भले ही वो वास्तविक जीवन में गहराई से सोचने वाले न हों, लेकिन उनका बेफिक्री वाला व्यवहार, लड़कियों को शुरुआती तौर पर आकर्षित कर सकता है।
मनोवैज्ञानिक कारण:
लड़कियों को ऐसे लोग आकर्षित कर सकते हैं जो डोमिनेंट (प्रभावशाली) लगते हैं, खासकर तब जब वे खुद असमंजस या संकोच की स्थिति में होती हैं। ओवरकॉन्फिडेंस कभी-कभी आत्मविश्वास के रूप में भ्रम पैदा करता है।
- अटेंशन और रोमांच की चाह
‘छपरी’ लड़के हर जगह ध्यान खींचते हैं। रंग-बिरंगे कपड़े, स्टाइलिश हेयरकट, तेज बाइक या डायलॉगबाज़ी।
मनोवैज्ञानिक कारण:
दिमाग रोमांच और नवीनता को पसंद करता है। जब कोई लड़का समाज के सामान्य नियमों को तोड़कर ‘अलग’ दिखने की कोशिश करता है, तो वह मस्तिष्क में डोपामिन (एक खुशी देने वाला हार्मोन) रिलीज कर सकता है — यही पहली पसंद बन सकता है।
- ‘बुरा लड़का’ सिंड्रोम
कई लड़कियों में ‘बुरे लड़के’ को सुधारने या समझने की भावना होती है। उन्हें लगता है, कि वे उसे बदल सकती हैं या वह सिर्फ उनके लिए अलग व्यवहार करेगा।
मनोवैज्ञानिक कारण:
यह सेवियर कॉम्प्लेक्स (उद्धारकर्ता मानसिकता) कहलाता है- जो किसी को चुनौती के रूप में देखता है और खुद को उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला मानता है।
- इमोशनल गैप और आकर्षण-
कभी-कभी जिन लड़कियों को घर या समाज से पर्याप्त ध्यान नहीं मिलता, वे ऐसे लड़कों की ओर आकर्षित होती हैं जो उन्हें ‘स्पेशल’ फील कराते हैं, भले ही वह सतही क्यों न हो।
मनोवैज्ञानिक कारण:
भावनात्मक रिक्तता को भरने के लिए इंसान कभी-कभी ऐसे विकल्प चुनता है जो लॉन्ग टर्म में नुकसानदेह हो सकते हैं, लेकिन शॉर्ट टर्म में भावनात्मक संतुष्टि देते हैं।
- सोशल मीडिया और ट्रेंड्स का असर
आज के समय में रील्स, शॉर्ट्स में ‘छपरी’ टाइप लड़कों का बोलबाला है। लड़कियां भी इन्हीं चीज़ों को बार-बार देखकर कहीं न कहीं प्रभावित होती हैं।
मनोवैज्ञानिक कारण:
यह रीपीटेड एक्सपोज़र इफेक्ट है- जब कोई चीज बार-बार दिखती है, तो दिमाग उसे पसंद करने लगता है, भले ही वह शुरू में अजीब क्यों न लगे।
हर लड़की की पसंद-नापसंद अलग होती है, लेकिन कुछ मनोवैज्ञानिक कारणों की वजह से ‘छपरी’ या दिखावटी लड़के भी उन्हें शुरू में आकर्षित कर सकते हैं। यह आकर्षण कई बार अस्थायी होता है और समय के साथ परिपक्वता बढ़ने पर पसंद भी बदल जाती है। जरूरी है कि लोग सतही दिखावे की बजाय व्यक्तित्व, मूल्य और व्यवहार को प्राथमिकता दें।
नोट: यह लेख एक सामान्य सामाजिक और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण है, सभी लड़कियों या लड़कों पर लागू नहीं होता।