chiku स्वाद और सेहत- मालवा का उभरता लोकप्रिय फल

by Real Voice News

चीकू (जिसे सपोटा या सपोडिला भी कहा जाता है) इन दिनों बाजार में खूब दिखाई दे रहा है। मीठे स्वाद और मुलायम गूदे वाला यह फल न केवल स्वाद में बेहतरीन है बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है। खास बात यह कि मालवा क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी चीकू की खेती के लिए अनुकूल मानी जा रही है, इसलिए यहां इसकी पैदावार आसानी से हो रही है।

चीकू फल की खासियत:
चीकू का स्वाद अनोखा और प्राकृतिक मिठास से भरा होता है। इसका गूदा मुलायम और दानेदार होता है, जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को पसंद आता है। पकने पर इसका स्वाद और भी ज्यादा मधुर हो जाता है। चीकू का पेड़ सदाबहार होता है, यानी सालभर हरा-भरा रहता है। यह कम देखभाल में भी फल देता है। इसी वजह से किसान इसे फायदेमंद फसल के रूप में अपनाने लगे हैं।

सेहत के लिए लाभ:
चीकू सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत भी है। यह ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत है। इसमें प्राकृतिक शर्करा, ग्लूकोज और फ्रक्टोज़ की मात्रा अधिक होती है, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। चीकू में फाइबर भरपूर पाया जाता है, जिससे कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। यह पाचन क्रिया को सहज बनाता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए:
चीकू में विटामिन A, C और एंटीऑक्सीडेंट इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और मौसमी बीमारियों से बचाते हैं। यह त्वचा और बालों के लिए लाभकारी है। एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा की बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करते हैं। इसमें मौजूद विटामिन E त्वचा को ग्लो देता है और बालों को मजबूत बनाता है। इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस और आयरन पाया जाता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है। चीकू में प्राकृतिक सेरोटोनिन-बूस्टिंग गुण होते हैं, जो तनाव और थकान को कम करते हैं।

मालवा क्षेत्र में चीकू की खेती:
मालवा की काली मिट्टी और गर्म जलवायु चीकू के लिए बहुत उपयुक्त मानी जाती है। चीकू को कम पानी और कम रखरखाव की जरूरत होती है। यह 3-4 वर्ष में फल देना शुरू कर देता है। पौधा 80-100 वर्ष तक फल देता है, इसलिए यह किसानों के लिए दीर्घकालिक लाभकारी फसल है। किसान इसे मिश्रित खेती या बागवानी मॉडल में भी उगा रहे हैं, जिससे अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है।

बाजार में बढ़ती मांग:
मीठा स्वाद, पोषण और लंबी शेल्फ लाइफ होने के कारण चीकू की बाजार में मांग लगातार बढ़ रही है। जूस, आइसक्रीम, शेक और मिठाइयों में इसका उपयोग इसे और भी लोकप्रिय बना रहा है। चीकू एक ऐसा फल है जो स्वाद, पोषण और स्वास्थ्य तीनों का संतुलन प्रदान करता है। कम मेहनत में तैयार होने वाली बागवानी फसल के रूप में यह मालवा क्षेत्र के किसानों के लिए भी लाभदायक साबित हो रही है। आने वाले वर्षों में इसकी खेती और उपभोग दोनों में वृद्धि की संभावना है।

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