भूटान टूरिज्म: प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर की यात्रा

प्राकृतिक सुंदरता और शांति का संगम

by Real Voice News

भूटान, जिसे “द लैंड ऑफ थंडर ड्रैगन” कहा जाता है, हिमालय की गोद में बसा एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत देश है। इसकी शांत वातावरण, समृद्ध संस्कृति और हरियाली से भरे पर्वतीय दृश्य इसे पर्यटकों के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाते हैं।

भूटान की सबसे बड़ी विशेषता इसकी प्राकृतिक सुंदरता है। यहां के हरे-भरे जंगल, ऊंचे पर्वत और स्वच्छ नदियां एक मनोहर दृश्य प्रस्तुत करते हैं। पारो वैली, फोबजीखा घाटी और हा घाटी जैसे स्थान पर्यटकों को प्रकृति के करीब ले जाते हैं। भूटान सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि यह एक अनुभव है शांति, संस्कृति और प्रकृति के त्रिवेणी संगम का अनुभव। यदि आप शहरी भीड़-भाड़ से दूर एक शांतिपूर्ण छुट्टी की तलाश में हैं, तो भूटान आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है।

टाइगर नेस्ट मठ (Taktsang Monastery)
भूटान का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल टाइगर नेस्ट मठ है, जो एक खड़ी चट्टान पर स्थित है। इसे देखने हर साल हजारों सैलानी आते हैं। यह स्थान न केवल स्थापत्य की दृष्टि से अद्वितीय है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

भूटानी संस्कृति और उत्सव
भूटान की संस्कृति बौद्ध धर्म से गहराई से जुड़ी हुई है। यहां के लोग पारंपरिक परिधान पहनते हैं, और जीवनशैली में सादगी और शांति नजर आती है। त्सेचू जैसे पारंपरिक उत्सव, रंग-बिरंगे मास्क डांस और धार्मिक अनुष्ठान पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करते हैं।

स्थायी पर्यटन की नीति
भूटान दुनिया का एकमात्र देश है जो सस्टेनेबल टूरिज्म को गंभीरता से अपनाता है। यहां “हाई वैल्यू, लो वॉल्यूम” की नीति लागू है, जिससे पर्यटन का असर पर्यावरण और संस्कृति पर कम से कम हो। सरकार एक न्यूनतम दैनिक शुल्क लेती है जिसमें गाइड, रहना, खाना और वाहन शामिल होता है।

भूटान कैसे पहुंचे
भूटान का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पारो में स्थित है। भारत, नेपाल, थाईलैंड और बांग्लादेश से यहां सीधी फ्लाइट्स उपलब्ध हैं। इसके अलावा, भारत से सड़क मार्ग द्वारा भी भूटान पहुँचना संभव है, खासकर जयगांव-फुंटशोलिंग बॉर्डर के जरिए।

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